उसने कभी ये नहीं सोचा था की वो अपने शादीशुदा बॉस के प्यार में पर जायगी लेकिन जल्द ही ये गंभीर अफेयर में तब्दील हो गया।
मेरे एमबीए करते ही मेरा जॉब एक अच्छे कंपनी में लग गया। कुछ महीनो तक तो सब सही था, सुबह ऑफिस जाती और साम में घर आ जाती वैसे तो मैंने बहुत सी कहानियां सुनी थी ऑफिस में बॉस और एम्प्लोयी के अफेयर की लेकिन मैं इन सब बातों पे यकीं नहीं करती थी। लेकिन एक दिन मुझे एक प्रोजेक्ट पे काम करने के लिए मिला। वैसे तो मैंने हमेशा टीम के साथ ही प्रोजेक्ट कम्पलीट किया है लेकिन इस बार ये मुझे अकेले ही पूरा करना था और मैं थोड़ी नर्वस थी। तो मैंने सोचा क्यों न एक बार बॉस से डिसकस कर लिया जाय और मैं डरते डरते बॉस के पास गयी।
लेकिन मेरे सोंच के विपरीत मेरे बॉस बहुत अच्छे स्वाभाव के निकले। उन्होंने मुझे सब कुछ एक छोटी बच्ची की तरह समझाया। पता नहीं क्यों लेकिन उस दिन से बॉस की तरफ एक अजीब सा ख्याल पैदा हो गया। कुछ दिनों में सपने में भी बॉस का आना और उनके बारे में ही सोचना, मुझे ऐसे लगने लगा की मैं उनके तरफ आकर्षित हो रही हूँ। फिर अचानक से ख्याल आया की बॉस तो शादी शुदा हैं।
ऐसा कुछ दिनों तक चलता रहा और मेरा बॉस की केबिन में आना जाना बढ़ गया। धीरे धीरे हमलोग किसी न किसी पर्सनल चीज़ पे भी बात कर लेते थे। एक बार मैंने उनके वाइफ और बच्चों के बारे में पूछा तो वो थोड़ा उदास हो गएँ। बाद में दबाओ देने पे बताया की पत्नी के साथ नहीं बनती। उनका ये कहना मुझे एक अजीब सा सुकून दे गया। धीरे धीरे हमारी बातें फ़ोन पे और मैसेज पे होने लगी और हमलोग एक दूसरे की पसंद और नापसंद सब साझा करने लगें।
धीरे धीरे हमारी नज़दीकियां बढ़ने लगी और एक दिन बॉस मुझे घर छोड़ने आयें क्यूंकि मेरी तबियत ठीक नहीं थी। हमलोगों ने बात किया और खाना खाया लेकिन दोनों को नींद नहीं आ रही थी तो मूवी देखने लगें। क्यूंकि हमदोनो एक दूसरे के इरादों को अच्छे से समझ गएँ थे तो अचानक से अगले पल ही उन्होंने मेरा हाथ पकर लिया। मैंने भी बिना कुछ कहे हमीं भर दी और बॉस के सीने से लग गयी। उसके बाद हमारे बिच सब कुछ हुआ और कुछ देर बाद बॉस सो गए। लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी।
एक तरफ तो मुझे बहुत अच्जा लग रहा था बॉस को पा के लेकिन दूसरी तरफ मुझे लग रहा था की मैंने उनकी पत्नी के साथ गलत किया। लेकिन जब बॉस और उनके पत्नी के बिच बनती ही नहीं तो मैं भला ये सब क्यों सोच रही हूँ। पता नहीं मैंने सही किया या गलत लेकिन सब कुछ बस होते चला गया। अब मुझे समझ नहीं आ रहा की मैं बॉस से दुरी बना लूँ या उनके शादी शुदा लाइफ के साथ ही आगे बढ़ूँ उनके साथ? सच में ऐसे असमंजस में मैं आज तक नहीं पड़ी थी। क्या करूँ मैं अब?
लेकिन मेरे सोंच के विपरीत मेरे बॉस बहुत अच्छे स्वाभाव के निकले। उन्होंने मुझे सब कुछ एक छोटी बच्ची की तरह समझाया। पता नहीं क्यों लेकिन उस दिन से बॉस की तरफ एक अजीब सा ख्याल पैदा हो गया। कुछ दिनों में सपने में भी बॉस का आना और उनके बारे में ही सोचना, मुझे ऐसे लगने लगा की मैं उनके तरफ आकर्षित हो रही हूँ। फिर अचानक से ख्याल आया की बॉस तो शादी शुदा हैं।
ऐसा कुछ दिनों तक चलता रहा और मेरा बॉस की केबिन में आना जाना बढ़ गया। धीरे धीरे हमलोग किसी न किसी पर्सनल चीज़ पे भी बात कर लेते थे। एक बार मैंने उनके वाइफ और बच्चों के बारे में पूछा तो वो थोड़ा उदास हो गएँ। बाद में दबाओ देने पे बताया की पत्नी के साथ नहीं बनती। उनका ये कहना मुझे एक अजीब सा सुकून दे गया। धीरे धीरे हमारी बातें फ़ोन पे और मैसेज पे होने लगी और हमलोग एक दूसरे की पसंद और नापसंद सब साझा करने लगें।
धीरे धीरे हमारी नज़दीकियां बढ़ने लगी और एक दिन बॉस मुझे घर छोड़ने आयें क्यूंकि मेरी तबियत ठीक नहीं थी। हमलोगों ने बात किया और खाना खाया लेकिन दोनों को नींद नहीं आ रही थी तो मूवी देखने लगें। क्यूंकि हमदोनो एक दूसरे के इरादों को अच्छे से समझ गएँ थे तो अचानक से अगले पल ही उन्होंने मेरा हाथ पकर लिया। मैंने भी बिना कुछ कहे हमीं भर दी और बॉस के सीने से लग गयी। उसके बाद हमारे बिच सब कुछ हुआ और कुछ देर बाद बॉस सो गए। लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी।
एक तरफ तो मुझे बहुत अच्जा लग रहा था बॉस को पा के लेकिन दूसरी तरफ मुझे लग रहा था की मैंने उनकी पत्नी के साथ गलत किया। लेकिन जब बॉस और उनके पत्नी के बिच बनती ही नहीं तो मैं भला ये सब क्यों सोच रही हूँ। पता नहीं मैंने सही किया या गलत लेकिन सब कुछ बस होते चला गया। अब मुझे समझ नहीं आ रहा की मैं बॉस से दुरी बना लूँ या उनके शादी शुदा लाइफ के साथ ही आगे बढ़ूँ उनके साथ? सच में ऐसे असमंजस में मैं आज तक नहीं पड़ी थी। क्या करूँ मैं अब?
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