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Tuesday, November 12, 2019

क्या विवाहित जीवन को बचाने के लिए किसी और के साथ सम्बन्ध बनाना परे तो वो गलत है?

अगर उसका पति उसे शारीरिक सुख नहीं देता तो किसी और के साथ सम्बन्ध बना के क्या उसने गलत किया?


मैं एक 32 वर्षीय महिला हूँ और मेरी शादी को 8 साल से ज्यादा हो गए हैं। लेकिन जो सुख (फिजिकल) एक विवाहित औरत को अपने पति से मिलना चाहिए वो मुझे आजतक नहीं मिल पाया इसकी बड़ी वजह मेरे पति का किसी और औरत के प्रति लगाओ था। शायद ये शादी उनके लिए थोपी हुई चीज़ थी इसलिए घर वालों के चलते इसे निभा रहे हैं। जिस्मानी जरुरत तो दूर उन्होंने आजतक कभी रोमांस तक नहीं किया। हालाँकि वो मेरी सभी जरूरतों को पूरा करते थे, लेकिन आखिर औरत के सरीर की भी कोई जरुरत होती है। कुछ सालों तक ऐसा चलता रहा और एक दिन मैं उनके दोस्त से मिली जिसका नाम अमित था। 

वो किसी काम के सिलसिले में घर आया था। अब वो अक्सर आया करता था और धीरे धीरे हमारे बिच बातें भी होने लगी। क्यूंकि पति को रात में सिर्फ खाना खाने और सोने से मतलब था, मेरी और अमित की बातें रात भर व्हाट्सप्प पे होने लगी। ऐसेही हसी मज़ाक में उसने मेरे और पति के रिलेशन के बारे में पूछ लिया। पहले तो मैं कुछ नहीं बोली लेकिन वो इतना अच्छा दोस्त बन गया था की कुछ छिपा भी नहीं पायी। ऐसा चलता रहा और हम अच्छे दोस्त से प्रेम सम्बन्ध में कब बांध गए पता ही नहीं चला। फिर साथ में मूवी देखना घूमना फिरना सब होने लगा और मैं सच बताऊँ मुझे ये सब बहुत सुकून देता था। एक बार की बात है अमित मेरे घर आया और उस वक्त घर पे कोई नहीं था। 

रोजाना की तरह हमने बातें सुरु की और मज़ाक मज़ाक में उसने मेरे हाथ पकर लिया। मेरा दिल जोर से धड़कने लगा क्यूंकि ये एक अजीब सा एहसास था। मैं जानती थी की अमित हमारे सम्बन्ध को अगले पराओ पे ले जाना चाहता है। पहले तो मैंने कुछ सोचा की पति के होते हुए किसी और के साथ ये सब गलत है, लेकिन मैं कब तक खुद को रोकती। आखिर मैंने भी हमीं भर दी और अमित को इजाजत दे दी। 

उसके बाद मैं उसके गले से ऐसे लगी मानो की ये सब पहली बार हो रहा हो। धीरे धीरे हमारे बिच सरे दीवार टूट गए और उस समय मुझे ऐसा सुकून मिला जो सायद कभी नहीं मिला। जब अमित चला गया तो मेरे मन में आया की मैं अपने पति को धोखा दे रही हु क्या? लेकिन मैं कर भी क्या सकती थी। आखिर जैसे एक मर्द को औरत की जरुरत होती है वैसेही एक औरत को भी मर्द की जरुरत होती है जो उसे मन से और खास तौर पे वो सुख दे सके जो पति पत्नी को देता है। मैं अपने पति को डाइवोर्स भी नहीं दे सकती थी क्यूंकिवो पति की हर जिम्मेदारी पूरी करता था, लेकिन एक औरत को जो सुख चाहिए होता है वो नहीं दे सका। 

मैं अमित से हमेशा मिलती हूँ और वो मुझे सुख सारे देता है, एक दोस्त की तरह सभी परेशानियों को बाँट लेता है और एक पति का भी सुख देता है। । अब मेरे मन ने भी मान लिया है की सायद यही सही रास्ता है अपने शादी शुदा जिंदगी को बचाने का और खुद की जरूरतें पूरी करने का। अगर एक औरत ऐसे पति के साथ हो तो और कर भी क्या सकती है?

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